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चार कहानियाँ

कहानी- 1 मैं जब छोटा था तो मेरे दोस्त मुझे ‘ ओये मोटे ’ कहकर बुलाते थे। एक बार एक दोस्त ने घर आकर जब मुझे ऐसे बुलाया तो मम्मी  ने उससे कहा- ‘ उसको मोटा क्यों बुलाते हो, सेहत अच्छी होने से कोई मोटा थोड़े ही हो जाता हैं। ’ मम्मी की यह बात सुनकर मुझे अपने मोटा होने के बारे में पता चल गया। बाद में एक बार मकान मालिक के यहाँ काम करने आए राजमिस्त्री ने जब मुझे देखकर कहा- ‘ इस लड़के की हेल्थ अच्छी है ’ तो मुझे याद हो गया कि सेहत को ही हेल्थ कहते हैं। यह बात आज तक याद है। कहानी-2 मुझे पता चला कि मेरी बहन सोते-सोते भी चल सकती है। एक रात मेरी आँख खुली तो मम्मी घबराहट में पापा से कह रही थीं- ‘ अरे देखो, गुड्डी यहाँ नहीं है। ’ पापा उठे तो देखा दरवाजा खुला हुआ है और बाहर का गेट भी। वो जल्दी से कमीज पहनकर बाहर की तरफ गए। गली में थोड़ा आगे जाकर एक खाली प्लॉट में एक आदमी तंदूर लगाता था। वहाँ जाकर पापा को बहन दिखाई दी। वो सन्नाटे में चल भी रही थी और सो भी रही थी। पापा ने उसे डाँटा और हाथ पकड़कर वापस लाए। बहन उनके साथ सोते-सोते ही वापस आई, और फिर आकर बिस्तर पर सो गई। अगले दिन मम्मी ने ज