अफगानिस्तान की कॉमेडी ऑफ एरर्स
इसी सप्ताह आजाद भवन में आईसीसीआर के सौजन्य से अफगानिस्तान की नाट्य प्रस्तुति 'कॉमेडी ऑफ एरर्स' देखने को मिली। ब्रिटिश काउंसिल की मदद से तैयार हुई इस प्रस्तुति के निर्देशक फ्रांस के कोरिन्न जाबेर हैं। जिन दिनों अफगानिस्तान में ब्रिटिश काउंसिल के दफ्तर में इसकी रिहर्सल चल रही थी, उसी दौरान वहां भोर तड़के एक आत्मघाती हमला हुआ था। हमले में पूरी इमारत तहस-नहस हो गई थी और 12 लोग मारे गए थे। यह एक संयोग ही था कि उस रोज रमजान होने के कारण ऐन हमले वाला वक्त ही निर्देशक ने कलाकारों को रिहर्सल के लिए सुझाया था, जिसे कलाकारों ने मंजूर नहीं किया, और लिहाजा वे इस हमले में बच पाए। जिस तरह ब्रिटिश काउंसिल की इमारत को उसी तरह अफगानिस्तान में थिएटर को भी नेस्तनाबूद करने में वहां के अतिवादियों ने कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी। तालिबान-राज के खात्मे के बरसों बाद भी अपनी नाममात्र की गतिविधियों में थिएटर वहां मानो उस दौर के दुःस्वप्न से अभी तक उबर नहीं पाया है। अफगान थिएटर कंपनी की इस प्रस्तुति को इस परिदृश्य में एक नए आगाज की तरह देखा जाना चाहिए। शेक्सपीयर के कॉमेडी ऑफ एरर्स के दारी भाषा में किए गए