मेघदूत में ‘राम की शक्तिपूजा’
कथक नृत्यांगना प्रतिभा सिंह निर्देशित प्रस्तुति ‘राम की शक्तिपूजा’ में सबसे ज्यादा जो चीज दिखती है वो है मनोयोग। उनके नाट्यग्रुप ‘कलामंडली’ में शास्त्र-निपुण कलाकारों से लेकर दिल्ली की कठपुतली कालोनी के उजाड़ दिए गए परिवारों के प्रशिक्षु युवा तक शामिल हैं। करीब 45 कलाकारों की इस प्रस्तुति में कई बड़े पैमाने की दृश्य योजनाएँ शामिल थीं। शक्तिरूपा देवी दुर्गा यहाँ एक विशाल पुतुल आकृति के तौर पर मौजूद हैं। देवी के वाहन को दर्शाने के लिए एक व्यक्ति एक लाठी के मुहाने पर बँधे शेर के सिर को लिए आगे-आगे चलता है। इसी तरह राम, रावण और हनुमान बने पात्रों का वैभव अपने मेकअप में देखने लायक है। वानर सेना या कोरस के तौर पर माइम वेशधारी समूह है, जिसमें अपना मुखौटा पकड़े जामवंत भी शामिल हैं। इसके अलावा बीच-बीच में कुछेक स्थितियों को कथक के टुकड़ों में भी भावाभिव्यक्त किया गया है। प्रस्तुति में निराला की दुरूह कविता के लाइव वाचन जैसे मुश्किल काम को भी अंजाम दिया गया है, जिसके डिजाइन में चंद तात्कालिक त्रुटियों के बावजूद भाव वैविध्य का अच्छा लालित्य है। इसके लिए सुमन कुमार, विजय सिंह और योगेश पांडेय क