युद्ध की क्रूरता और विरोध का नाटक
(यह टिप्पणी 17मई 2011 को एक अखबार में प्रकाशित हुई थी) अरविंद गौड़ हिंदी के एक्टिविस्ट रंगकर्मी हैं। इस बार उन्होंने उस घटना के सिलसिले को नाटक का विषय बनाया है जब इराक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जॉर्ज डब्ल्यू बुश पर जूता फेंक कर मारा गया था। उनकी ताजा प्रस्तुति 'द लास्ट सैल्यूट' के नायक जूता फेंक कर मारने वाले पत्रकार मुंतजर अल जैदी हैं। रविवार को श्रीराम सेंटर में हुई प्रस्तुति के दौरान मुंतजर अल जैदी भी प्रेक्षागृह में मौजूद थे। नाटक के प्रदर्शन के बाद मंच से उन्होंने कहा कि दर्शकों की प्रतिक्रिया से उन्हें समझ आया कि उन्होंने इराक की जनता के दर्द को समझा है। अरविंद गौड़ ने मुंतजिर की तुलना लाहौर असेंबली में बम धमाका करने वाले भगतसिंह से की। उनके ग्रुप अस्मिता के लिए यह प्रस्तुति फिल्मकार महेश भट्ट ने प्रोड्यूस की है। मुंतजर को भारत का वीजा मिलने में भी महेश भट्ट की कोशिशों का बड़ा हाथ रहा है। उन्होंने कहा कि सिनेमा सपनों की दुनिया है, वहां हम ऐसा काम नहीं कर पाएंगे जो अरविंद गौड़ ने यहां मंच पर कर दिया है। महेश भट्ट ने कहा कि हिंदुस्तान वाकई एक कमाल का मुल्क है। म