हिमाचल की वादियों में करियाला
यह हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले का कुठाड़ इलाका है। यहाँ के दाड़वा नाम के गाँव में लोक नाट्य करियाला के कलाकार जुटे हुए हैं। जून के महीने में भी रात को इतनी ठंड है कि दो तरफ के घेरे में बैठे दर्शकों ने ऊनी दुशाले लपेटे हुए हैं। करियाला सोलन, शिमला और सिरमौर जिलों का लोक नाट्य है। इसकी प्रस्तुति रात-रात भर चलने का दस्तूर रहा है, जो कुठाड़ रियासत के ईष्टदेव ब्रजेश्वर महादेव को समर्पित होती हैं। एक वक्त था जब रियासत में श्राद्धों के अवसर पर राजा के दरबार हाल में करियाला की प्रस्तुतियों के लगातार 16 दिनों तक प्रदर्शन होते थे, और यह आयोजन दशहरा उत्सव को संपन्न होता था। अब न राजा रहा, न राजा का दरबार, पर करियाला की परंपरा आज भी बची हुई है। राजा का महल भी बचा हुआ है, पर उसे अब कुठाड़ पैलेस रिजॉर्ट के तौर पर जाना जाता है। काफी ऊँचाई पर स्थित इस पैलेस से दिन में दूर तक वादियों की हरियाली दिखाई देती है, और रात को शिमला और कसौली की रोशनियाँ। माइक लगाया जा चुका है। अभिनेतागण मंच पर आ चुके हैं। हारमोनियम, ढोलक, नक्कारे और थोड़े छोटे आकार की शहनाई, जिसे ‘ नपीरी ’ कहा जाता है, के साथ साजिंदे भी तै