खो चुके रास्ते का एक सफर
टेनिसी विलियम्स ने नाटक 'कैमिनो रियल' 1953 में लिखा था. अमेरिका के जैफरी सीशेल के निर्देशन में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के तीसरे वर्ष के छात्रों ने इसकी एक प्रस्तुति तैयार की, जिसके प्रदर्शन अभिमंच प्रेक्षागृह में इसी सप्ताह किए गए। नाटक में घटनाओं का कोई सिलसिला नहीं है, यथार्थवाद का कोई ढांचा नहीं है, पात्रों से कोई निश्चित तादात्म्य भी नहीं बन पाता। फिर यह नाटक क्या है? सीशेल के मुताबिक 'यह नाटक किसी अनिश्चित समय में बहुत सी अवास्तविक घटनाओं की एक महाकाव्यात्मक यात्रा है.' खुद टेनिसी विलियम्स ने इसके बारे में लिखा कि 'यह नाटक मेरे लिए किसी अन्य दुनिया, किसी भिन्न अस्तित्व की रचना जैसा प्रतीत होता है'. कैसी दुनिया? इसके लिए उन्होंने महाकाव्य 'डिवाइन कॉमेडी' लिखने वाले चौदहवीं सदी के इतालवी कवि दांते को उद्धृत किया। दांते के मुताबिक 'हमारे जीवन की यात्रा के बीचोबीच मैंने खुद को एक अंधेरे जंगल में पाया जहां सीधा रास्ता खो गया था.' निर्देशक जैफरी सीशेल के अनुसार, यदि यह नाटक डिवाइन कॉमेडी के प्रथम भाग 'इनफर्नो' (नरक) का प्रतिरूप है, तो